Nag Panchami 2024: नाग पंचमी कब है? Nag Panchami 2024 Date, Rangoli Designs & More

नाग पंचमी 2024 (Nag Panchami 2024) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है। हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा कर उनसे सुरक्षा और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। इस लेख में हम आपको नाग पंचमी 2024 की तिथि, इसके महत्व, पूजा विधि, मंत्र और कैसे आप इस दिन को ख़ास बना सकते हैं, इन सबके बारे में जानकारी देंगे। साथ ही, इस दिन बनाई जाने वाली रंगोली डिज़ाइन के बारे में भी चर्चा करेंगे।

Nag Panchami 2024

नाग पंचमी की कहानी

यों तो नाग पंचमी को लेकर ढेरों कहानियाँ प्रचलित है जिसमें सबसे लोकप्रिय कहानी भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई है।
कहानी के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ यमुना नदी के तट पर गेंद खेल रहे थे। खेलते-खेलते उनकी गेंद नदी में चली गई। नदी में कालिया नामक एक विषैला नाग निवास करता था, जिसकी वजह से नदी का पानी विषैला हो गया था। श्रीकृष्ण ने बिना किसी डर के नदी में छलांग लगा दी और कालिया नाग से डटकर सामना किया। 

श्रीकृष्ण ने अपने दिव्य बल से कालिया नाग को परास्त कर दिया और उसकी फन पर नृत्य किया। नागराज कालिया को जब अपनी गलती का अहसास हुआ, तो उसने श्रीकृष्ण से क्षमा माँगी। भगवान श्रीकृष्ण ने उसे माफ़ कर दिया और उसे यमुना नदी छोड़कर कहीं और जाने का आदेश दिया। कालिया नाग ने श्रीकृष्ण को वचन दिया और वहाँ से चला गया।

इस दिन की याद में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा कर उनसे अपनी और अपने परिवार की रक्षा की कामना करते हैं। हिंदू धर्म में नागों को पवित्र माना जाता है और उन्हें धन, समृद्धि, और सुरक्षा का प्रतीक समझा जाता है। नाग पंचमी मनाने का एक कारण ये भी है कि भगवान शिव को नाग अति प्रिय है। 

नाग पंचमी पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ?

नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसके पीछे कई मान्यताएँ और कथाएँ जुड़ी हुई हैं:

1. नाग देवता का सम्मान : हिंदू धर्म में नागों को देवता का रूप माना जाता है, और उन्हें समृद्धि, सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध चढ़ाने का उद्देश्य उन्हें प्रसन्न करना और उनके आशीर्वाद से परिवार की रक्षा और सुख-समृद्धि की कामना करना होता है।

2. प्रकृति और नागों का संतुलन : प्राचीन काल में, लोग खेतों और अपने घरों में साँपों के आने से डरते थे। नाग पंचमी पर नागों को दूध चढ़ाने का रिवाज इस विश्वास से जुड़ा है कि ऐसा करने से नाग शांत रहते हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुँचाते। यह प्रकृति और नागों के साथ एक संतुलन बनाए रखने का प्रतीक है।

3. पौराणिक कथा : एक प्रचलित कथा के अनुसार, नाग देवता का दूध पीने का प्रसंग महाभारत में भी मिलता है। माना जाता है कि नाग देवता दूध के प्रति विशेष प्रेम रखते हैं, और उन्हें दूध चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। इसी कारण, नाग पंचमी के दिन उन्हें दूध चढ़ाया जाता है।

4. आध्यात्मिक विश्वास : नाग पंचमी पर नागों को दूध चढ़ाने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह कर्मकांड उनके प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है।
इन सभी मान्यताओं के कारण, नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

नाग पंचमी कब है 2024 का 
वर्ष 2024 का नाग पंचमी हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 9 अगस्त 2024 को सुबह 12:37 बजे से शुरू हो रही है और इसका समापन अगले दिन, 10 अगस्त 2024 को सुबह 3:14 बजे होगा। इसीलिए, नागपंचमी का त्योहार 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा।

नाग पंचमी को घर पर कैसे मनाते हैं ?
पूजा की शुरुआत में सबसे पहले नाग देवता की छवि या मूर्ति को दूध से स्नान कराएं। इसके बाद, मूर्ति को सिंदूर और हल्दी का लेप लगाकर सजाएं, और धूपबत्ती जलाएं। पूजा करते समय सभी मंत्रों और कथाओं का सही तरीके से जाप करते हुए पूजा संपन्न करें। उसके बाद नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र "ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमःका जाप करें। इस मंत्र का अर्थ है: "इस संसार के हर स्थान पर चाहे वह आकाश हो, स्वर्ग हो, झील, कुआं, तालाब, या सूर्य की किरणें जहां भी सर्प निवास करते हैं, वे हमें आशीर्वाद दें। हम सभी आपको बार-बार नमन करते हैं। अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, और कम्बल को प्रणाम।"

नाग पंचमी पर क्या चढ़ाएं ?
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो भक्त नाग पंचमी के दिन सर्पों की पूजा करता है और फिर ब्राह्मणों को भोजन कराता है, उसे कई लाभ प्राप्त होते हैं और वह सुखी जीवन व्यतीत करता है। ऐसा माना जाता है कि सर्पों की पूजा करने से भक्त को सांप के काटने का भय नहीं रहता और वह सुरक्षित रहता है।

नाग देवता को दूध चढ़ाने से क्या होता है ?
नाग पंचमी के अवसर पर भगवान शिव के साथ नाग देवता को दूध अर्पित करने की परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि इससे सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है और आप इससे मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस दिन गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।

नाग पंचमी में हमें क्या खाना चाहिए ?
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे प्रदेशों में लोग साँपों के मंदिरों में जाते हैं और साँपों की मूर्तियों पर दूध और मिठाई चढ़ाते हैं। अक्सर लोग घर पर मिट्टी की नाग की मूर्तियां बनाकर उसका पूजा पाठ करते हैं तत्पश्चात खीर और पुआ जैसे व्यंजन बनाकर खाते हैं। 

नाग पंचमी रंगोली
नाग पंचमी के दिन घरों में रंगोली बनाने की विशेष परंपरा होती है, जो इस त्योहार की शोभा को और चार चाँद लगा देती है। नाग पंचमी पर बनाई जाने वाली रंगोली में आमतौर पर नाग देवता के चित्रण को शामिल किया जाता है। रंगोली में नागों के सुंदर आकृतियों के साथ शिवलिंग, फूलों, पत्तियों, और धार्मिक प्रतीकों का उपयोग किया जाता है।
रंगोली में पारंपरिक डिज़ाइन जैसे कुंडलित नाग, शिवलिंग के चारों ओर नाग, या नाग के साथ भगवान शिव की छवि बनाई जाती है। कुछ लोग रंगोली में पाँच या सात नागों की आकृतियाँ बनाते हैं, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मानी जाती हैं।
रंगोली के लिए हल्दी, सिंदूर, चावल के आटे, और रंगीन पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, दीयों और फूलों का भी रंगोली में सजावट के लिए प्रयोग किया जाता है, जिससे रंगोली और भी आकर्षक और पवित्र लगती है।
नाग पंचमी की रंगोली न केवल घर को सजाती है, बल्कि इसे बनाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और यह नाग देवता की कृपा पाने का एक साधन भी है।

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नाग पंचमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ। नाग देवता की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे। आपका हर दिन मंगलमय हो। शुभ नाग पंचमी!





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